Neil alden armstrong biography in hindi
नील आर्मस्ट्रांग | |
पूरा नाम | नील आर्मस्ट्रांग |
जन्म | 5 अगस्त, |
जन्म भूमि | वापाकोनेता, ओहियो, अमेरिका |
मृत्यु | 25 अगस्त, |
मृत्यु स्थान | सिनसिनाटी, ओहियो, अमेरिका |
अभिभावक | स्टीफन आर्मस्ट्रांग और विवियोला इंजेल |
कर्म-क्षेत्र | अंतरिक्ष यात्री, अध्यापक |
प्रसिद्धि | चाँद पर क़दम रखने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति |
नागरिकता | अमेरिकी |
नील आर्मस्ट्रांग (अंग्रेज़ी:Neil Armstrong, जन्म: 5 अगस्त, – मृत्यु: 25 अगस्त, ) चाँद पर कदम रखने वाले दुनिया के पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे।
जीवन परिचय
स्टीफन आर्मस्ट्रांग और विवियोला इंजेल की प्रथम संतान के रूप में नील आर्मस्ट्रांग का जन्म 5 अगस्त को अमेरिका के ओहियो प्रान्त के वापाकोनेता में हुआ। चांद पर सबसे पहले क़दम रखने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग में हवाई यात्राओं के प्रति रुचि बचपन से ही शायद तभी जाग गई जब उनके पिता उन्हें हवाई उड़ानों को दिखलाने ले जाया करते थे। 6 वर्ष की अवस्था में ही इन्हें पिता के साथ अपनी पहली हवाई यात्रा का अनुभव हुआ। मात्र 15 वर्ष की आयु में इन्होंने अपना फ्लाईट सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया और विमान उड़ना शुरू किया था। इन्होंने ऐरोनोटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक तथा ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग में परास्नातक की उपाधियाँ प्राप्त कीं। इस शिक्षा द्वारा उन्होंने जो विमान संचालन संबंधी तकनीकी कार्यकुशलता प्राप्त की उसका लाभ उन्हें आगामी कई उड़ान अभियानों में मिला। एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में उभरने से पूर्व आर्मस्ट्रांग संयुक्त राष्ट्र नौसेना के अधिकारी रहे तथा कोरिया युद्ध में भी अपनी सेवाएं दीं। युद्ध के पश्चात् वे एक पायलट के रूप में नेशनल एडवाईज़री कमेटी फ़ॉर ऐरोनोटिक्स से जुड़े जहाँ उन्होंने से अधिक उड़ानों का अनुभव प्राप्त किया। जनवरी में इनका विवाह जेनेट एलिज़ाबेथ शेरॉन से हुआ। में इनका चयन अमेरिकी वायुसेना के 'मैन इन स्पेस सूनेस्ट (‘Man in Space Soonest‘) कार्यक्रम में हुआ। यह दौर चन्द्रमा से संबंधित अनेक सफल-असफल अभियानों का था। आर्मस्ट्रांग अब तक बार-बार यह प्रदर्शित कर चुके थे कि वे उड़ानों को लेकर कितने समर्पित और दक्ष हैं। इसके साथ ही उनके व्यक्तित्व का एक सुनहरा पक्ष भी उभरकर सामने आया कि वे अपने मिशनों की सफलता में अपने अहम को आड़े नहीं आने देते। उनके चरित्र के इन्हीं मजबूत पक्षों ने चन्द्रमा के लिए बहुप्रतीक्षित ‘अपोलो 11’ उड़ान की कमान उनके हाथों में सौंप दी और अंततः 20 जुलाई को यान की चंद्रमा के धरातल पर सुरक्षित लैंडिंग हो ही गई। मिशन कंट्रोल रूम को आर्मस्ट्रांग का पहला सन्देश था- Houston, Tranquility Base Here.
The Raptor has landed.” 21 जुलाई, वह ऐतिहासिक दिन था जब मानव ने पहली बार पृथ्वी के बाहर किसी खगोलीय पिंड पर आधिकारिक रूप से अपने क़दम रखे। इस मौके पर आर्मस्ट्रांग के विश्वप्रसिद्ध उद्दगार थे – That’s one small step nurture man, one giant leap on mankind.” ('एक आदमी का छोटा क़दम, मानवता के लिए बड़ी छलांग' बताया था।) 20वीं शताब्दी में उनकी यह उक्ति ख़ासी लोकप्रिय हुई थी।
निधन
आर्म्सट्रांग ने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा छोड़ दिया था और छात्रों को अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के बारे में पढ़ाने लगे थे। आर्म्सट्रांग का हृदय रोग के निदान के लिए उनका ऑपरेशन किया गया था, लेकिन इसके बाद उनकी हालत और बिगड़ती गई और 25 अगस्त को अंतत: उन्होंने दम तोड़ दिया। चन्द्रमा को लेकर कई मिथकों और भ्रांतियों से घिरी मानव सभ्यता को आज विज्ञान ने एक नई दिशा दिखाई थी, जो भविष्य में कई अभियानों का आधार बनी।